मंडी, 04 मार्च : एक दौर में हिमाचल की राजनीति के चाणक्य रहे दिवंग्त पंडित सुखराम के सुरक्षा अधिकारी के रूप में सेवाएं दे चुके 60 वर्षीय ज्ञान चंद ठाकुर ने मंडी संसदीय सीट से कांग्रेस के टिकट के लिए आवेदन किया है। ज्ञान चंद ठाकुर मूलतः जोगिंद्रनगर के रहने वाले हैं और हिमाचल पुलिस से बतौर डीएसपी रिटायर हुए हैं। इनकी धर्मपत्नी अंजना ठाकुर कांग्रेस की नेत्री हैं। जिला परिषद के साथ कांग्रेस के कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। इनके दो बेटे हैं जिनमें एक वकील और दूसरा होटल मैनेजमेंट में है। ज्ञान चंद ठाकुर वर्ष 1982 को हिमाचल पुलिस में बतौर कांस्टेबल भर्ती हुए थे और वहां से डीएसपी के पद तक अपना सफर तय किया। हिमाचल का कोई कोना ऐसा नहीं रहा जहां इन्होंने अपनी सेवाएं न दी हों।
पंडित सुखराम के साथ रहे अंतिम सांस तक, वीरभद्र सिंह के साथ भी दी ड्यूटी
ज्ञान चंद ठाकुर पंडित सुखराम को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं। लंबे समय तक इनके साथ सेवाएं दी और परिवार के सदस्य की तरह रहे। जब पंडित सुखराम का अंतिम समय नजदीक आया तो उस वक्त भी अंतिम सांस तक उनके साथ मौजूद रहे। इसके अलावा पूर्व सीएम दिवंग्त वीरभद्र सिंह के साथ भी कुछ समय के लिए सेवाएं दी।
एनएससी का प्रशिक्षण हासिल करने के चलते अधिकतर समय वीवीआईपी डयूटी पर रहे। ज्ञान चंद हिमाचल पुलिस एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं और इस दौरान उन्होंने पुलिस कर्मियों की डाइट मनी में बढ़ोतरी सहित कई अहम मुद्दों को प्रमुखता से उठाया और उनका समाधान करवाने में सफलता हासिल की थी। डयूटी के दौरान दो बार ज्ञान चंद ठाकुर मंडी से टिकट की लॉबिंग भी कर चुके हैं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। अब सेवानिवृति के बाद वे खुलकर अपनी दावेदारी जता रहे हैं।
चुनाव लड़ने की है इच्छा, नहीं तो पार्टी का देंगे साथ
ज्ञान चंद ठाकुर ने बताया कि उनकी लोकसभा का चुनाव लड़ने की बहुत ज्यादा इच्छा है और वह अपनी इस इच्छा को पूरा करना चाहते हैं। यह बात उन्होंने पार्टी हाईकमांड के समक्ष भी रख दी है और अपनी जीत के समीकरण भी बता दिए हैं। हालांकि उन्हें इस बात का इल्म भी है कि मंडी से मौजूदा कांग्रेस सांसद के रहते टिकट मिलने की संभावना न के बराबर है। ज्ञान चंद का कहना है कि यदि उन्हें टिकट नहीं मिला तो फिर पार्टी जिसे भी टिकट देगी वे उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे।