Bihar News में बात उस भ्रष्ट आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार की, जिनपर एसएसपी रहते हुए शराब माफियाओं की मदद करने के आरोप लगे। इस आईपीएस अधिकारी की करतूत यहीं नहीं थमी। खुद को बचाने के लिए इस आईपीएस ने डीजीपी तक को जज बनकर धमकियां दिलवाई। सुप्रीम कोर्ट से भी रहम नहीं मिलने के बाद आखिरकार उन्हें न्यायालय में आत्मसमर्पण करना पड़ा है।
बिहार के आईपीएस खेमे में मिस्टर नटवर लाल के नाम से मशहूर हो चुके आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार आखिरकार सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं। करीब 7 महीने से फरार चल रहे गया के तत्कालीन वरीय आरक्षी अधीक्षक आदित्य कुमार ने मंगलवार को पटना के न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने के बाद ही उन्हें तत्काल पटना के बेउर जेल भेज दिया गया। आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार पर शराब माफियाओं को लाभ पहुंचाने सहित अपने दोस्त को पटना हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाकर फोन पर तत्कालीन डीजीपी संजीव कुमार सिंघल को केस खत्म करवाने की धमकी देने का आरोप है।
शराब माफियाओं से सांठगांठ, डीजीपी को धमकी देने के बाद हुए चर्चित
आईपीएस आदित्य कुमार सबसे पहले उस वक्त सुर्खियों में आए जब उनपर शराब माफियाओं को संरक्षण देने के संगीन आरोप लगे। इस मामले में उनके खिलाफ गया के फतेहपुर थाने में प्राथमिक की दर्ज कराई गई थी। आरोप है कि अपने खिलाफ चल रही कार्रवाई को रद्द कराने के लिए उन्होंने साजिश रची। आदित्य कुमार के दोस्त अभिषेक अग्रवाल ने एक फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाया, जिसमें पटना हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस की तस्वीर लगाई गई। फिर इसी व्हाट्सएप नंबर से बिहार के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल को कॉल और मैसेज किए गए। फर्जी चीफ जस्टिस ने डीजीपी को कहा कि आदित्य कुमार के खिलाफ चल रहे मामले को बंद कर दिया जाये। इसके बाद डीजीपी ने आदित्य कुमार के खिलाफ चल रहे केस को बंद कर दिया था।
खुलासा हुआ तो दर्ज हुए कई केस, आय से अधिक संपत्ति भी मिली, निलंबन
जब मामला खुला तो आदित्य कुमार औऱ उनके मित्र अभिषेक अग्रवाल के खिलाफ नया केस दर्ज किया गया। पिछले साल 15 अक्टूबर को आर्थिक अपराध इकाई ने आदित्य कुमार के खिलाफ फर्जीवाड़ा कर शराब कांड को खत्म कराने का केस केस दर्ज किया था। उसके बाद बिहार सरकार ने IPS आदित्य कुमार को निलंबित कर दिया था। स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने आदित्य कुमार के खिलाफ छानबीन कर 5 दिसंबर 2022 को 1.37 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया था।
सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली थी जमानत
सुप्रीम कोर्ट से जमानत नहीं मिलने के बाद फरार चल रहे आदित्य कुमार ने पटना सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। उच्चतम न्यायलय ने फरार IPS अधिकारी आदित्य कुमार को दो हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया था। जानकारी के अनुसार, आदित्य कुमार ने एसीजेएम-1 की अदालत में सरेंडर किया है। इसके बाद आरोपी के वकील ने कोर्ट से जमानत देने की अपील की, लेकिन न्यायालय ने इस मांग को खारिज कर दिया और आरोपी अफसर आदित्य कुमार को जेल भेज दिया गया।