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बाड़मेर

मेरे शहर में 05 दिन देश मेहमान

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3 months ago
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मेरे शहर में 05 दिन देश मेहमान बाड़मेर.शहर में देश मेहमान बनकर आया है। देशभर के राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेश से 14 से कम साल की बेटियां। बॉस्केट के मैच में 13 जनवरी तक यह बेटियां यहां रहेगी। इन बेटियों का खेल देखने और इनको प्रोत्साहित करने का अवसर हमारे पास है। मेहमाननवाजी का इतना बड़ा अवसर मिलना भी कम नहीं है। इन बेटियों को शहर में मान-सम्मान मिले। ये जहां से गुजरे हमारा दायित्व है कि हम उन्हें यह अहसास करवाएं कि जिस शहर में आए है वह रेगिस्तान की संस्कृति का बड़ा क्षेत्र है। खेल मैदान में इन बेटियों के खेल को प्रोत्साहित करें। बेटियों को खेल के साथ इन पांच दिनों में ऐसा माहौल मिले कि जब वे यहां से रवाना हों बाड़मेर के नाम के चर्चे अपने अपने राज्य में ले जाए और इनकी यादों में ताज्जिंदगी यह रहे कि हम कभी बाड़मेर में खेलने गए थे....शहर में एक साथ पूरे देश को देखने का इससे बड़ा अवसर क्या होगा?

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मेरे शहर में 05 दिन देश मेहमान बाड़मेर.शहर में देश मेहमान बनकर आया है। देशभर के राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेश से 14 से कम साल की बेटियां। बॉस्केट के मैच में 13 जनवरी तक यह बेटियां यहां रहेगी। इन बेटियों का खेल देखने और इनको प्रोत्साहित करने का अवसर हमारे पास है। मेहमाननवाजी का इतना बड़ा अवसर मिलना भी कम नहीं है। इन बेटियों को शहर में मान-सम्मान मिले। ये जहां से गुजरे हमारा दायित्व है कि हम उन्हें यह अहसास करवाएं कि जिस शहर में आए है वह रेगिस्तान की संस्कृति का बड़ा क्षेत्र है। खेल मैदान में इन बेटियों के खेल को प्रोत्साहित करें। बेटियों को खेल के साथ इन पांच दिनों में ऐसा माहौल मिले कि जब वे यहां से रवाना हों बाड़मेर के नाम के चर्चे अपने अपने राज्य में ले जाए और इनकी यादों में ताज्जिंदगी यह रहे कि हम कभी बाड़मेर में खेलने गए थे....शहर में एक साथ पूरे देश को देखने का इससे बड़ा अवसर क्या होगा?

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मेरे शहर में 05 दिन देश मेहमान बाड़मेर.शहर में देश मेहमान बनकर आया है। देशभर के राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेश से 14 से कम साल की बेटियां। बॉस्केट के मैच में 13 जनवरी तक यह बेटियां यहां रहेगी। इन बेटियों का खेल देखने और इनको प्रोत्साहित करने का अवसर हमारे पास है। मेहमाननवाजी का इतना बड़ा अवसर मिलना भी कम नहीं है। इन बेटियों को शहर में मान-सम्मान मिले। ये जहां से गुजरे हमारा दायित्व है कि हम उन्हें यह अहसास करवाएं कि जिस शहर में आए है वह रेगिस्तान की संस्कृति का बड़ा क्षेत्र है। खेल मैदान में इन बेटियों के खेल को प्रोत्साहित करें। बेटियों को खेल के साथ इन पांच दिनों में ऐसा माहौल मिले कि जब वे यहां से रवाना हों बाड़मेर के नाम के चर्चे अपने अपने राज्य में ले जाए और इनकी यादों में ताज्जिंदगी यह रहे कि हम कभी बाड़मेर में खेलने गए थे....शहर में एक साथ पूरे देश को देखने का इससे बड़ा अवसर क्या होगा?

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