प्रिंट मीडिया के व्यवसाय में इस वर्ष बढ़ोतरी की संभावना

अखबारी कागज की कीमतों में गिरावट; विज्ञापन से राजस्व अब कोरोना काल के पहले जैसा होने की उम्मीद

    22-Feb-2024
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मुंबई/पुणे, 21 फरवरी (आज का आनंद न्यूज नेटवर्क)
 
 
देश में प्रिंट मीडिया चालू वर्ष (2024) में मजबूत वृद्धि दर्ज करने के लिए तैयार है. प्रिंट मीडिया के लिए अखबारी कागज की लागत में गिरावट से मुनाफा बढ़ेगा और विज्ञापन राजस्व इस साल कोरोना-पूर्व स्तर के करीब रहने की उम्मीद है. पिच मॅडिसन एडवर्टाइजिंग रिपोर्ट 2024 के अनुसार, प्रिंट मीडिया में विज्ञापन राजस्व इस साल 7 प्रतिशत बढ़कर 20,613 करोड़ रुपये हो जाएगा. इस साल का विज्ञापन राजस्व 2019 के प्री-कोरोना वायरस आंकड़ों से कहीं अधिक होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि, इस साल विज्ञापन खर्च 12 फीसदी बढ़कर 1.11 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा. प्रिंट विज्ञापन राजस्व में भी हर साल लगातार वृद्धि देखी जा रही है. 2021 में राजस्व 16,595 करोड़ रुपये था, 2022 में यह बढ़कर 18,470 करोड़ रुपये हो गया और 2023 में यह 19,250 करोड़ रुपये दर्ज किया गया. प्रिंट मीडिया के लिए अखबारी कागज की लागत, समाचारपत्रों की प्रिटिंग के लिए उपयोग किया जाने वाला कागज, कुल प्रत्यक्ष लागत का एक बड़ा हिस्सा है.
 
कोरोना के बाद इस अखबारी कागज की कीमत 80 हजार रुपये प्रति टन से घटकर 50 हजार रुपये प्रति टन हो गई है. प्रिंट मीडिया फ्लेक्सिबल ‘मॅडिसन वर्ल्ड' के अध्यक्ष और विज्ञापन जगत के दिग्गज सैम बलसारा का कहना है कि, अंतरिम में दुनिया भर में प्रिंट मीडिया की गिरावट के बावजूद, देश का प्रिंट मीडिया फ्लेक्सिबल बना हुआ है. बलसारा ने यह भी उम्मीद जताई है कि चालू वर्ष 2024 में प्रिंट मीडिया रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज करेगा. मीडिया में प्रिंट मीडिया की हिस्सेदारी विश्व में 4 प्रतिशत है जबकि भारतीय समाचार मीडिया की हिस्सेदारी 20 फीसदी है. यह शेयर अभूतपूर्व है. बलसारा बताते हैं कि चीन में प्रिंट मीडिया की हिस्सेदारी लगभग शून्य है, अमेरिका और ब्रिटेन में 5 प्रतिशत से भी कम है. हालांकि प्रिंट मीडिया की हिस्सेदारी घट रही है, इसके बावजूद हर साल राजस्व में बढ़ोतरी हो रही है.
 
इस साल उम्मीद है कि इसमें बड़ा इजाफा होगा. उन्होंने यह भी कहा कि यह बढ़ोतरी पिछले साल से ज्यादा होगी. बेनेट कोलमैन एंड कंके प्रकाशन प्रभाग शिवकुमार सुंदरम ध्यान दिलाते हुए कि, प्रिंट मीडिया में विज्ञापन राजस्व 2024 में चरम स्तर पर पहुंचने की उम्महै. ‘उच्च गुणवत्ता वाली विश्वसनीयकिफायती कीमतों उपलब्धता, घर पर दैनिक डिलीवरी लोगों की निरंतर की आदत के कारण समाचारपत्र कई तकनीकी चुनौतियसामना करने में एक मजबूत ढाल बने हुए हैं.' ‘प्रिंट मीडिया उन लोगों के लिए लगातार एक शक्तिशाली माध्यम रहा है ांड वश्वसनीय बनाना हैं. विज्ञापनदाताओं ाव बढ़ाने के हम प्रिंट विज्ञापन लगातार नवप्रवर्तन इनोवेशन)कर रहे हैं', ऐसा सुंदरम ने बताया. जुलाई 2023 डट रेटिंग एजेंसी सिल ने कहा था कि, ारतीय प्रिंट मीडिया से 15 प्रतिशत की बढ़ेगा और चालू वर्ष में यह मीडिया 30,000 करोड़ रुपये का यह स्थिति इसलिए होगी क्योंकि कंपनियां सरकारें विज्ञापन पर भारी खर्च करेंगी. उज्ज्वल भविष्य डीबी कॉर्प के गैर-कार्यकारी निदेशक गिरीश अग्रवाल ने बताया कि, अखबारों की बढ़ती विश्वसनीयता के साथ-साथ Tier II शहरों और बाजारों में बढ़ते प्रिंट मीडिया के साथ बढ़ते आर्थिक कारोबार से पूरे भारत में समाचारपत्रों के विज्ञापन राजस्व में वृद्धि हो रही है.
 
उन्होंने बताया कि प्रिंट मीडिया में विकास की वर्तमान गति को देखते हुए, इस क्षेत्र का भविष्य उज्ज्वल दिखता है. प्रिंट मीडिया के संबंध में विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गई भविष्यवाणियां संदिग्ध हैं, ऐसा आरोप मातृभूमि ग्रुप के प्रबंध निदेशक एम. वी. श्रेयांस ने किया है. ब्रांड निर्माण के लिए प्रिंट एक महत्वपूर्ण एवं सशक्त माध्यम है. उन्होंने कहा, चुनावी साल आमतौर पर प्रिंट मीडिया के लिए अच्छे होते हैं. आईपीजी मीडिया ब्रांड्स इंडिया के सीईओ शशि सिंह ने कहा, लोकसभा चुनाव और इस साल नए वाहनों के आने से क्षेत्रीय और अंग्रेजी भाषा के मीडिया को फायदा होगा.' विश्वसनीयता प्रमुख कारक है और खासकर चुनावी साल में तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. शिवकुमार सुंदरम कहते हैं कि, बीसीसीएल ने भू-राजनीतिक चुनौतियों और आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों को दूर करने के लिए घरेलू और विदेशी अखबारी कागज आपूर्तिकर्ताओं के बीच संतुलन बनाया है.' डीबी कॉर्प के गिरीश अग्रवाल ने कहा कि, चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में डीबी कॉर्प की औसत न्यूजप्रिंट लागत में साल-दर-साल 18 से 20 फीसदी की गिरावट आई है. लागत वर्तमान में 64 हजार रुपये प्रति टन से घटकर 48 हजार रुपये हो गयी है, भविष्य में अखबारी कागज की कीमत में दो से तीन प्रतिशत के उतार-चढ़ाव के कारण 2024 में इसका फायदा इंडस्ट्री को मिलता रहेगा.
 
विज्ञापन ब्रांड जागरूकता, विश्वास पैदा करने में अधिक प्रभावी
 
ग्रीनसेल मोबिलिटी के सीईओ देवेंद्र चावला ने कहा कि,‘प्रिंट मीडिया में विज्ञापन ब्रांड जागरूकता और विश्वास पैदा करने में अधिक प्रभावी हैं. इससे ब्रांड को स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ताकरण करते हुए समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचने में मदद मिलती है, एक मार्केटिंग अभियान का प्रभाव प्रिंट और डिजिटल मीडिया दोनों में विज्ञापन द्वारा बढ़ता है.' चालू वित्त वर्ष में अखबारी कागज की दरों में गिरावट और चुनाव के कारण विज्ञापन राजस्व में वृद्धि से ऑपरेटिंग मार्जिन में 500 से 600 आधार अंक (5 से 6 फीसदी) की बढ़ोतरी हुई है, ऐसा ‘इक्रा' का मानना है.
 
एक नजर में... प्रिंट मीडिया
 
राजस्व (सभी आंकड़े अनुमानित हैं)
 
2021 - 16,595 करोड़
2022 - 18,470 करोड़
2023 - 19,250 करोड़
2024 - 20, 613 करोड़