Did You Know: आखिर क्या होता है श्वेत पत्र, पढ़ें चुनाव से पहले क्यों ला रही मोदी सरकार
संसद के बजट सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को एलान किया कि मोदी सरकार यूपीए सरकार की नाकामियों को उजागर करने के लिए श्वेत पत्र लेकर आएगी।
डिजिटल डेस्क, इंदौर। संसद के बजट सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को एलान किया कि मोदी सरकार यूपीए सरकार की नाकामियों को उजागर करने के लिए श्वेत पत्र लेकर आएगी। अब इसके बाद यह सवाल लोगों के मन में कौंध ने लगा कि आखिर यह श्वेत पत्र होता क्या है। अब इस सवाल का जवाब देने के लिए हम लेकर आए यह लेख।
क्या होता है श्वेत पत्र
श्वेत पत्र एक तरह का रिपोर्ट कार्ड होता है, जिसके जरिए सरकार अपने कार्यकाल में किए गए सकारात्मक उपलब्धियों को बताएगी। श्वेत पत्र में कई दस्तावेज शामिल होते हैं, जो अलग-अलग रंगों में होते हैं। इन्हीं के रंगों को देखकर दस्तावेजों के बारे में बताया जाता है। अब मोदी सरकार श्वेत पत्र लेकर आ रही है। वह इसके जरिए अपने किए गए कामों की तुलना यूपीए सरकार के दस साल के कार्यकाल से करेगी।
पहली बार ये देश लेकर आया था श्वेत पत्र
श्वेत पत्र ऐसा नहीं है कि केवल सरकार ही ला सकती है। यह कोई भी कंपनी या संस्था भी लेकर आ सकती है। यह आमतौर कंपनियां लेकर आती हैं, जिससे वह ग्राहकों को अपनी स्थिति के बारे में बताती हैं। कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो पहली बार ब्रिटेन 1922 में श्वेत पत्र लेकर आया था। उसके बाद इसका चलन शुरू हो गया।
कांग्रेस जवाब में लेकर आई ब्लैक पेपर
मोदी सरकार के श्वेत पत्र लाने के फैसले के बाद कांग्रेस भी ब्लैक पेपर लेकर सामने आई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ब्लैक पेपर को जारी किया। ब्लैक पेपर में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने लोकतंत्र, रोजगार, बेरोजगारी, मंहगाई जैसे मुद्दे को उठाया है।
अनुराग मिश्रा नईदुनिया डिजिटल में सब एडिटर के पद पर हैं। वह कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में माहिर और पत्रकारिता में लगभग 3 साल का अनुभव है। अनुराग मिश्रा नईदुनिया में आने से पहले भास्कर हिंदी और दैन ...
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