Ayodhya Ram Mandir: राम की भक्ति में कर्नाटक से अयोध्या के लिए पैदल निकले 'बापू', जगह-जगह हुआ स्वागत
अयोध्या राम मंदिर और इसमें 22 जनवरी को होने वाली भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के चलते लोगों की आस्था बेकाबू हो गई है। हाथ में भगवान राम और अयोध्या के प्रति संदेश लेकर चल रहे मुथन्ना बताते हैं कि उनका संकल्प है कि राम का यह मंदिर देश भर में प्रचारित करेंगे। बताया कि कर्नाटक से चलकर बीजापुर नांदेड़ वर्धा नागपुर जबलपुर मैहर रीवा होते हुए प्रयागराज आए हैं
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या राम मंदिर और इसमें 22 जनवरी को होने वाली भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के चलते लोगों की आस्था बेकाबू हो गई है। कर्नाटक के गदर जिले से करकीकट्टि गांव निवासी बुजुर्ग मुथन्ना तिरलापुर अयोध्या के लिए पैदल ही निकल पड़े। मुथन्ना को कर्नाटक में आधुनिक गांधी के नाम से जाना जाता है। रविवार को वे प्रयागराज पहुंचे थे, सोमवार को उनके स्वागत की झड़ी लग गई।
मुथन्ना को अपने घर ठहराने वाले विश्व हिंदू परिषद धर्मयात्रा महासंघ के प्रदेश महामंत्री नीरज द्विवेदी ने बताया कि मुथन्ना को मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने अपने आवास पर सम्मानित किया। इसके बाद कमिश्नरी बार एसोसिएशन, फिर जनपद न्यायालय बार एसोसिएशन, कैट बार एसोसिएशन, इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी सम्मानित किया।
मुथन्ना तिरलापुर ने इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट के पास स्थित बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर और सिविल लाइस में सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद मुथन्ना को मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने अपने कार्यालय में और मेला के पुलिस उपमहानिरीक्षक राजीव नारायण ने सम्मानित किया।
दैनिक जागरण से बातचीत में मुथन्ना तिरलापुर ने बताया कि नौ दिसंबर को उन्होंने पैदल यात्रा शुरू की थी, प्रत्येक दिन करीब 50 किलोमीटर चलते हैं और जहां रात हो जाती है वहीं मंदिर, धर्मशाला या किसी संस्था द्वारा आश्रय देने पर रुक जाते हैं।
हाथ में भगवान राम और अयोध्या के प्रति संदेश लेकर चल रहे मुथन्ना बताते हैं कि उनका संकल्प है कि राम का यह मंदिर देश भर में प्रचारित करेंगे। बताया कि कर्नाटक से चलकर बीजापुर, नांदेड़, वर्धा, नागपुर, जबलपुर, मैहर, रीवा होते हुए प्रयागराज आए हैं। मंगलवार को वे सुल्तानपुर की तरफ रवाना हो जाएंगे।
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