जैन धर्मशालाओं में ऑनलाइन बुकिंग के बहाने हो रही धोखाधड़ी

कई लोग आए साइबर ठगों की चपेट में : धर्मशाला के ऑफिस में जाकर ही बुकिंग कराने की अपील

    12-Feb-2024
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जैन धर्मशालाओं में ऑनलाइन बुकिंग के बहाने हो रही धोखाधड़ी
कई लोग आए साइबर ठगों की चपेट में : धर्मशाला के ऑफिस में जाकर ही बुकिंग कराने की अपील
 
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देशभर में ‌‘डेरासरों' का प्रबंधन करने वाले सेठ आनंदजी कल्याणजी व अन्य जैन धर्मशालाओं ने धोखाधड़ी से बचने सर्कुलर जारी किया
 
मुंबई, 11 फरवरी (वि.प्र.)
आज के डिजिटल युग में ऑनलाइन बुकिंग की मांग बढ़ती जा रही है इसके साथ ही ऑनलाइन धोखाधड़ी के साइबर अपराध में भी वृद्धि हुई है. घर बैठे की बुकिंग में लोगों को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. ऐसी ही घटनाएं जैन धर्मशाला बुकिंग के नाम पर हो रही हैं. परिणामस्वरूप, देश भर में जैन डेरासरों का प्रबंधन करने वाले सेठ आनंदजी कल्याणजी सहित कई जैन धर्मशालाओं ने अपनी धर्मशालाओं में आने वाले तीर्थयात्रियों द्वारा ऑनलाइन बुकिंग के कारण होने वाली धोखाधड़ी की शिकायतों के बाद तीर्थयात्रियों को ऑनलाइन बुकिंग के खिलाफ चेतावनी देते हुए धर्मशालाओं को परिपत्र जारी किया है. इसमें साफ कहा गया है कि ऑनलाइन बुकिंग के बजाय धर्मशाला या धर्मशाला की किसी भी शाखा में फोन करके धर्मशाला में बुकिंग करें, ताकि आप धोखाधड़ी से बच सकें. मुंबई के घाटकोपर पूर्व के जैन श्रावक हेमंत दोलते ने धर्मशाला में ऑनलाइन बुकिंग का अपना अनुभव साझा किया है. क्रिसमस की छुट्टियों दौरान, उन्होंने और उनके परिवार ने गुजरात के सुरेंद्रनगर में प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल शंखेेशर जाने का फैसला किया. इसी बीच उन्हें गूगल से शंखेेशर स्थित एक जैन धर्मशाला का फोन नंबर मिला. इस फोन पर संपर्क करने पर उनसे ब्रिजेश सिसौदिया के खाते में पैसे ट्रांसफर करने को कहा गया. तदनुसार, उन्होंने दिए गए फोन नंबर पर ‌‘यूपीआई' के माध्यम से 2400 रुपये ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद उन्हें पैसे की रसीद भी मिल गई. इसके बाद संबंधित ने उनसे ‌‘ओटीपी' की मांग की. इसके साथ ही ‌‘पेटीएम' के पिन नंबर की भी मांग की गई. हालांकि, भुगतान की रसीद भेजने के बाद भी जब वे ओटीपी और पिन नंबर मांगते रहे तो वे सतर्क हो गए. शंखेेशर पहुंचने पर ही उन्हें वास्तविक जानकारी मिली. इसके बाद उन्होंने धर्मशाला और पतंगनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई. इससे पहले भी यहां ऐसे साइबर क्राइम को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी. वहां के पुलिस अधिकारियों ने तब उनके परिवार के सभी सदस्यों को उनके व्हाट्सएप नंबरों पर चेतावनी नोटिस भेजा था और उन्हें ऑनलाइन बुकिंग न करने की सलाह भी दी थी. इससे पहले उनके जीजा के साथ भी इसी धर्मशाला की ऑनलाइन बुकिंग में धोखाधड़ी हुई थी, इसलिए इस धर्मशाला के मुंबई कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई गई. हालांकि, अब यहाँ सवाल यह उठता है कि यात्रियों को शंखेेशर जाने के बाद ही इस अधिसूचना के बारे में पता चला, अगर कहीं से ऑनलाइन बुकिंग की गई तो उन श्रावक को सावधानियों के बारे में कैसे पता चलेगा? इसी तरह जुनागढ़ गिरनार के कच्छी भवन में भी एक घटना घटी है. इसमें एक यात्री को ऑनलाइन बुकिंग के बाद करीब 25 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. हालांकि, यहां के निदेशक ने कहा है कि, उन्होंने कच्छी भवन के सामने एक स्पष्ट बोर्ड लगा दिया है, और उस पर लिखा है कि श्रोताओं को सूचित किया जाता है कि कृपया यहां इस कार्यालय में आकर बुकिंग करें. कार्यालय के बाहर किसी व्यक्ति से संपर्क करके की गई बुकिंग या किसी अन्य घटना के लिए भवन जिम्मेदार नहीं होगा. यहां के निदेशक ने कहा कि, यह संदेश सिर्फ यहां के धर्मशाला के लिए नहीं है. सभी जैन श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे देश में किसी भी जैन तीर्थ धर्मशाला को ऑनलाइन बुक न करें. प्रत्येक धर्मशाला के नंबर उनकी संबंधित वेबसाइटों पर दिए गए हैं; इसके बारे में पूछकर ही बुकिंग करनी चाहिए. अगर आप इस बारे में निश्चिंत हों तो ही बुकिंग करें, इससे कोई धोखाधड़ी नहीं होगी. वर्तमान डिजिटल युग में लोग ऑनलाइन सुविधाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं; लेकिन ऐसे समय में साइबर जाल में फंसने का डर बढ़ गया है. रकम बड़ी है या छोटी, यह एक प्रश्न है; लेकिन मंजिल पर जाने के बाद जो दुख होता है, वो ज्यादा बड़ा होता है. इस संबंध में आनंदजी कल्याणजी पेढ़ी के महाप्रबंधक, सर्व जैन डेरासर के निदेशक शेठ नेमिष शाह ने एक याचिका के माध्यम से सभी जगह अनुरोध किया है कि पालीताणा, गिरनार-जूनागढ़, शेरिसा, वामज, तरंगा, रणकपुर, सादड़ी में कहीं भी ऑनलाइन बुकिंग नहीं की जाती है. धर्मशाल बुकिंग के लिए आपको धर्मस्थल के मुख्य कार्यालय में जाकर बुकिंग करानी चाहिए.  
 
शंखेेशर में दर्शन की व्यवस्था
धर्मशाला के संबंध में ऑनलाइन बुकिंग के संबंध में कई स्थानों से शिकायतें प्राप्त हुई हैं, इसलिए शंखेेशर स्थित धर्मशाला के बाहर आने वाले तीर्थयात्रियों को सचेत करने के लिए कहा गया है कि- यहां आने वाले तीर्थयात्रियों को धोखाधड़ी से बचने के लिए ऑनलाइन बुकिंग के बारे में सावधान रहना चाहिए. श्रद्धालुओं को मानसिक एवं आर्थिक कष्ट न हो इसका ध्यान रखने तथा शंखेेशर में ‌‘दादा' के दर्शन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.