IIT Guwahati Started Counseling To Reduce The Stress Of Students, Helpline Will Continue 24 Hours – IIT गुवाहाटी ने छात्रों के तनाव को कम करने के लिए शुरू की काउंसलिंग, 24 घंटे जारी रहेगी हेल्पलाइन
IIT Guwahati: पढ़ाई, एग्जाम और कम्पटीशन से बच्चों में तनाव बढ़ा है. बीते कुछ महीनें से पढ़ाई को लेकर बच्चों में तनाव के चलते दुखद खबरें आ रही हैं. इससे देखते हुए आईआईटी गुवाहाटी ने एक बेहतरीन कदम उठाया है. आईआईटी गुवाहाटी अब छात्रों के तनाव को कम करने के लिए उनकी काउंसलिंग कर रही है. आईआईटी गुवाहाटी के कैंपस में बने सेंटर फॉर हॉलिस्टिक वेलबीन छात्रों को तनाव, तनाव की पहचान और उससे बचने के गुर सीखा रही है. काउंसलिंग के दौरान छात्रों से उन समस्याओं के बारे में जाना जाता है, जिसके चलते वे तनाव में है, परेशान हैं. यहां छात्रों को इससे बचने के तरीके भी बताए जाते हैं.
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आईआईटी गुवाहाटी में बीटेक कोर्सों में दाखिले लेने वाले सभी छात्रों के लिए काउंसलिंग अनिवार्य है. नए छात्रों में इस बात की खुशी है कि संस्थान खुद ही उनकी मदद के लिए तैयार है.
काउंसलिंग सभी छात्रों के लिए जरूरी
आईआईटी गुवाहाटी की छात्र काउंसलर पल्लबिता बरुआ चौधरी ने बताया कि यह अनिवार्य काउंसलिंग है. हम छात्रों से अलग-अलग मिलते हैं और उनकी समस्याओं को सुनते और उनकी मानसिक स्वास्थ्य की प्रोफाइल बनाने की कोशिश करते हैं. चुंकि हमारा संस्थान शैक्षणिक संस्थान है, कोई मानसिक स्वास्थ्य संस्थान नहीं, इसलिए हमारी कोशिश थोड़ी अलग तरह की होती है. हमारा सारा ध्यान छात्रों के तनाव को कम करने और उनकी मदद करने पर होता है.
परिवार के साथ एक खास सत्र
साल 2023 में जब छात्रों का दाखिला हुआ तो न सिर्फ छात्र के माता-पिता बल्कि भाई-बहन से परिचय का एक खास सत्र रखा गया. ताकि परिवार को भी छात्र के निजी और पढ़ाई संबंधी चुनौती का अहसास हो, जिसका सामना एक छात्र को कैंपस में रहने के दौरान करना पड़ता है. यह सत्र इसलिए है ताकि परिवार भी तनाव की स्थिति में छात्र का सहारा बन सके.
24 घंटे की हेल्पलाइन
आईआईटी गुवाहाटी के ऑफिशिएटिंग डायरेक्टर, डॉ. परमेश्वर के अय्यर ने कहा कि हमारे पास काउंसलर, दो फिजियोथेरेपिस्ट और एक 24 घंटे चलने वाले मानसिक स्वास्थ्य हेल्प लाइन है. यहां के हर हॉस्टल में एक सचिव होता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के मामलों पर नजर रखता है. यही नहीं संस्थान लगातार इस बात की भी जांच करता रहता है छात्रों पर परीक्षाओं का ज्यादा बोझ न पड़ें.